एक कपल आमने-सामने बैठा है, बीच में तलाक के कागज़ और मोबाइल फोन रखा है – सोशल मीडिया और तलाक से जुड़ी स्थिति

How Social Media Affects Divorce Cases (सोशलमीडिया का आपके तलाक के केस पर क्या असर पड़ सकता है?)

सोशल मीडिया और तलाक (Social Media and Divorce)

कुछ जरूरी बातें जो करनी चाहिए और कुछ जो नहीं करनी चाहिए

सबसे अच्छा तो ये होगा कि जब तक आपका तलाक का मामला चल रहा है, आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दें।
क्योंकि हो सकता है आप जाने-अनजाने में कुछ ऐसी चीजें शेयर कर रहे हों, जो अभी की स्थिति में प्राइवेट ही रहनी चाहिए।

अगर किसी वजह से – जैसे बिज़नेस या पर्सनल कारणों से – सोशल मीडिया छोड़ना आपके लिए मुमकिन नहीं है, तो कम से कम ये ज़रूरी है कि आप कोई भी पर्सनल पोस्ट या कमेंट शेयर करना बंद कर दें, जब तक कोर्ट का मामला चल रहा हो।

आजकल सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी ने हमारी ज़िंदगी के हर हिस्से को बदल कर रख दिया है – और इसमें तलाक का प्रोसेस भी शामिल है।
डिजिटल जमाने में तलाक अब एक सच्चाई है, जिसमें आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी यानी डिजिटल फुटप्रिंट बहुत मायने रखती है।
इस समय आपको खास ध्यान रखना होगा कि आप क्या पोस्ट कर रहे हैं, किससे जुड़ रहे हैं और आपकी प्राइवेसी कितनी सुरक्षित है।

अब सोशल मीडिया हर किसी की रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है।

  • #Facebook के 2 बिलियन से भी ज़्यादा मंथली यूज़र्स हैं।
  • #Twitter के 328 मिलियन यूज़र्स हैं।
  • #Instagram पर 700 मिलियन से ज़्यादा लोग हैं।
    इसके अलावा #Snapchat, #LinkedIn और #Pinterest जैसे प्लेटफॉर्म भी हैं।

ये सारे सोशल मीडिया नेटवर्क किसी इंसान को उस समय सहारा देने में मदद कर सकते हैं जब वो तलाक जैसी भावनात्मक और आर्थिक मुश्किलों से गुजर रहा हो।

लेकिन सच्चाई ये है कि तलाक के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना कई बार बहुत बड़ी परेशानी बन सकता है।
एक गलत पोस्ट, एक अनजानी फोटो या एक साधारण सा कमेंट भी आपके केस को नुकसान पहुंचा सकता है।

सोशल मीडिया और तलाक कैसे जुड़े होते हैं? (How are social media and divorce connected?)

मान लीजिए आप इस वक्त तलाक की प्रक्रिया में हैं और बच्चों की कस्टडी और मेंटेनेंस को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। आमतौर पर आप ज़्यादा बाहर नहीं जाते क्योंकि आर्थिक हालात थोड़े कमजोर हैं। लेकिन आपके सबसे अच्छे दोस्त की शादी है, और आप उसकी बैचलर पार्टी (या हेन पार्टी) और शादी में शामिल होते हैं।

इन इवेंट्स की कुछ तस्वीरें आप खुद पोस्ट कर देते हैं, और कुछ तस्वीरों में आपको आपके दोस्त भी टैग कर देते हैं।

अब सोचिए, ये सारी तस्वीरें कोर्ट में इस बात का सबूत बन सकती हैं कि आप एक “पार्टी करने वाली लाइफस्टाइल” जीते हैं।
इसका असर कोर्ट में चल रही मेंटेनेंस की सुनवाई पर पड़ सकता है – क्योंकि इससे यह दिखाया जा सकता है कि आप के पास सोशल लाइफ पर खर्च करने के लिए पैसे हैं।
इतना ही नहीं, ये भी साबित करने की कोशिश की जा सकती है कि आपका रहन-सहन बच्चों की देखभाल के लिए उपयुक्त नहीं है।

शायद ये आपको थोड़ा ओवररिएक्ट करने जैसा लगे, लेकिन यकीन मानिए, ऐसा अक्सर होता है। अगर आप बार-बार बाहर घूमने, पार्टी करने, या छुट्टियों की पोस्ट डालते हैं, तो ये सारी चीजें कोर्ट में आपके खिलाफ जा सकती हैं।

अब आप सोच सकते हैं – “कोई बात नहीं, मैं अपने एक्स को Facebook से ब्लॉक कर दूंगा या अनफ्रेंड कर दूंगा, और अपनी पोस्ट्स को Friends Only कर दूंगा।”

पर ध्यान दीजिए – बहुत से दोस्त आपके और आपके एक्स के कॉमन होते हैं। और अगर तलाक ज़्यादा कड़वाहट में हो रहा है, तो हो सकता है कुछ लोग जान-बूझकर आपके पोस्ट आपके एक्स तक पहुंचा दें।

ऐसे में, खासकर अगर आप तलाक, बच्चों की कस्टडी, एक्सेस या मेंटेनेंस जैसे मुद्दों से जूझ रहे हैं, तो यह बात और भी अहम हो जाती है।

क्योंकि आप कोर्ट में क्या हैं, उससे ज्यादा असर इस बात का पड़ सकता है कि लोग आपको किस नजर से देख रहे हैं – और अफसोस की बात ये है कि कोर्ट में भी कई बार उसी नजरिये से फैसला होता है।

तलाक के दौरान ऑनलाइन खुद को कैसे सुरक्षित रखें (How to Protect Yourself Online During a Divorce)

जब आप तलाक की प्रक्रिया से गुजर रहे हों, तो खुद को ऑनलाइन सुरक्षित रखने का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि आप अपनी सोशल मीडिया एक्टिविटी पर पूरा ध्यान रखें — और साथ ही अपने दोस्तों और परिवार के ऑनलाइन बर्ताव पर भी नजर रखें।

अब ये तो ज़ाहिर सी बात है कि कोर्ट के केस या कानूनी प्रक्रिया के बारे में कुछ भी ऑनलाइन पोस्ट करना नहीं चाहिए। लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। और भी कई बातें हैं जिनसे आपको सावधान रहना जरूरी है।

नीचे कुछ आसान से “क्या करें” और “क्या न करें” दिए गए हैं, जो इस मुश्किल वक्त को थोड़ी समझदारी से पार करने में आपकी मदद कर सकते हैं:

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✅ क्या करें (DOs):

  • अपने तलाक के वकील की हर सलाह को ध्यान से सुनें और उस पर अमल करें।
  • अपने सोशल मीडिया के पासवर्ड तुरंत बदलें और दोस्टेप वेरिफिकेशन ज़रूर ऑन करें, ताकि कोई दूसरा लॉगिन न कर सके।
  • जहाँ तक हो सके अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिएक्टिवेट कर दें, या फिर एक नया अकाउंट बना लें जिसे बहुत कम लोग जानते हों।
  • अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें और खुद चेक करें कि कौन क्या देख सकता है।
  • ऐसी कोई भी पोस्ट या फोटो डिलीट कर दें, जो आपके खिलाफ कोर्ट में इस्तेमाल की जा सकती हो।
  • अपने दोस्तों और परिवार वालों से कहें कि वो आपके, आपके पार्टनर के या आपके तलाक के बारे में कुछ भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।
  • अपने एक्स, उसके रिश्तेदारों और दोस्तों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दें।
  • ये सोचकर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहें कि आपकी हर पोस्ट आपके पार्टनर तक पहुंच सकती है।
    इसीलिए कभी भी अपनी पर्सनल बातें या गुस्से भरे पोस्ट शेयर न करें।
  • जहाँ तक हो सके अपने पार्टनर के साथ शांति से बर्ताव रखें। सोशल मीडिया पर भले ही न जुड़ें, लेकिन असल ज़िंदगी में संयम बहुत ज़रूरी है।

❌ क्या न करें (DON’Ts):

  • ऐसी कोई भी फोटो या वीडियो डालें, जिससे ये लगे कि आप नशा कर रहे हैं, पार्टी कर रहे हैं या गैर-जिम्मेदार व्यवहार कर रहे हैं।
  • अपने एक्स के बारे में गुस्से या नफरत से भरी कोई बात सोशल मीडिया पर लिखें।
  • कॉमन दोस्तों से अपने एक्स की जानकारी निकलवाने की कोशिश करें।
  • अपने काम, सैलरी, या रहने की जगह में हुए बदलाव की कोई जानकारी शेयर करें।
  • बच्चों की फोटो या उनके बारे में कुछ भी तब तक पोस्ट करें, जब तक इस पर आप दोनों की आपसी सहमति हो।
  • अपने दोस्तों को इजाजत दें कि वो आपको किसी फोटो या पोस्ट में टैग करें। इससे अनजाने में भी कुछ ऐसा सामने आ सकता है जो कोर्ट में गलत तरीके से पेश किया जा सकता है।

भारत में तलाक और भरण-पोषण – 2025 की स्थिति (Divorce and Maintenance in India – Status 2025)

आपकी ऑनलाइन छवि आपके तलाक के फैसले को प्रभावित कर सकती है (Your online image could impact your divorce decision)

अब सवाल ये आता है – क्या कोर्ट में सोशल मीडिया को सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है?
हाँ, बिल्कुल। आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी कोर्ट में पूरी तरह से आपके खिलाफ या पक्ष में इस्तेमाल की जा सकती है।

ये बात और भी जरूरी हो जाती है अगर तलाक में बच्चों की कस्टडी का मामला भी शामिल है।

अगर आपके बच्चे हैं, तो सोशल मीडिया पर आपका बर्ताव ये तय कर सकता है कि कोर्ट आपको एक जिम्मेदार पैरेंट मानता है या नहीं।
आपका एक्स और उसका वकील आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगाल सकते हैं ताकि ये साबित किया जा सके कि आप बच्चों के लिए ठीक नहीं हैं।

असल में, जब भी आपके एक्स के वकील को आपके खिलाफ कोई सबूत ढूंढ़ना होता है, तो सबसे पहले आपका सोशल मीडिया देखा जाता है।

कोई भी चीज़ — यहाँ तक कि कोई मज़ाकिया पोस्ट भी — कोर्ट में इस तरह पेश की जा सकती है कि आप गैर-जिम्मेदार, लापरवाह या अनुचित इंसान लगें।

मीडिया पर एक-एक कदम सोच-समझकर रखें।

याद रखिए: इस वक्त की आपकी समझदारी आने वाले वक्त को आसान बना सकती है।

आपकी डिजिटल छाप आपके सोचने से कहीं बड़ी हो सकती है (Your digital footprint may be bigger than you think)

अगर आप सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करते हैं, तो मानकर चलिए कि वो हमेशा के लिए इंटरनेट पर रह जाता है — चाहे आप बाद में उसे डिलीट भी क्यों न कर दें।
केवल डिलीट करने से कुछ गायब नहीं होता।

बहुत सारे लोग ये बात मुश्किल तरीके से सीखते हैं – क्योंकि किसी ने उसका स्क्रीनशॉट ले लिया होता है, या किसी और ने वो पोस्ट शेयर कर दी होती है, या कोई नोटिफिकेशन के ज़रिए उसे सेव कर लेता है।

इसलिए सीधी बातएक बार आपने कुछ ऑनलाइन डाल दिया, तो समझिए वो हमेशा के लिए वहां रह गया।

तलाक का असर सबसे ज़्यादा किस उम्र पर होता है? (At what age is divorce most effective?)

तलाक हर किसी को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है, लेकिन रिसर्च कहती है कि 6 से 12 साल के बच्चों पर इसका सबसे गहरा असर होता है।

इस उम्र के बच्चे इतने बड़े हो चुके होते हैं कि परिवार की चीज़ें समझने लगते हैं, लेकिन उतने मजबूत नहीं होते कि बदलावों को संभाल सकें।

वहीं, 30 और 40 की उम्र वाले मातापिता को भी मुश्किलें आती हैं – एक तरफ करियर, दूसरी तरफ बच्चों की जिम्मेदारी, और साथ ही तलाक का मानसिक बोझ।

टेक्नोलॉजी का तलाक की दरों पर क्या असर पड़ा है? (What impact has technology had on divorce rates?)

टेक्नोलॉजी ने रिश्तों के लिए नई संभावनाएं तो खोली हैं, लेकिन कई परेशानियाँ भी पैदा की हैं।

  • डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया ने लोगों को तेजी से जोड़ना शुरू कर दिया, लेकिन ऐसे रिश्ते टिकते नहीं हैं।
  • अब बेवफाई पकड़ना आसान हो गया है – सोशल मीडिया पर चैट्स, फोटो या लोकेशन से कई राज खुल जाते हैं।
  • कानूनी प्रक्रिया भी अब ऑनलाइन हो चुकी है, जिससे तलाक फाइल करना और तेज हो गया है।
  • नई रिलेशनशिप्स की आसानी से उपलब्धता ने कहीं न कहीं तलाक के मामलों को बढ़ाया भी है।

डिजिटल जमाने में तलाक – ये 8 बातें हमेशा याद रखें (Divorce in the digital age – always remember these 8 things)

1. सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखें

  • अपने बारे में या तलाक की डिटेल्स शेयर करना बंद करें
  • कई बार जो बात आपको सामान्य लगती है, उसे दूसरे लोग गलत समझ सकते हैं

2. प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत बनाएं

  • सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी सेटिंग्स चेक करें
  • कौन क्या देख सकता है, इस पर पूरा कंट्रोल रखें

3. गुस्से में आकर कुछ मत पोस्ट करें

  • तलाक या अपने एक्स के बारे में इमोशनल बातें लिखने से बचें
  • कोर्ट में इन बातों को आपके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है

4. ऑनलाइन बातचीत का रिकॉर्ड रखें

  • एक्स के साथ बातचीत या को-पेरेंटिंग की कोई भी बातचीत संभालकर रखें
  • ये डिजिटल सबूत कानूनी मामलों में काम आ सकते हैं

5. अपने वकील से सलाह लें

  • अपनी सोशल मीडिया एक्टिविटी के बारे में अपने वकील से बात करें
  • आपको कौन सी चीजें हटानी चाहिए या क्या पोस्ट नहीं करना चाहिए, इसमें वो आपकी मदद करेंगे

6. पोस्ट करने से पहले दो बार सोचें

  • सोचिए, जो आप पोस्ट करने जा रहे हैं, उसे कोर्ट कैसे देखेगा
  • फोटो, स्टेटस या कमेंट – सब कुछ एक दिन सबूत बन सकता है

7. बच्चों की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखें

  • अगर बच्चे सोशल मीडिया यूज़ करते हैं, तो देखें कि वो कुछ ऐसा तो नहीं डाल रहे जो केस को प्रभावित कर दे

8. पैसों की डीटेल्स शेयर न करें

  • लग्ज़री चीज़ें, छुट्टियाँ या बड़ी खरीदारी दिखाने से बचें
  • इससे आपकी इनकम या खर्च पर शक किया जा सकता है

निष्कर्ष (Conclusion)

सोशल मीडिया एक ज़बरदस्त चीज़ है – ये आपको लोगों से जोड़ता है, आपकी ज़िंदगी को दूसरों तक पहुंचाता है। लेकिन अगर आप तलाक से गुजर रहे हैं, तो थोड़ी सावधानी बहुत जरूरी है।

अगर आप ऊपर दी गई बातें ध्यान में रखते हैं, तो आप:

  • कानूनी तौर पर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं
  • मानसिक रूप से खुद को मजबूत बना सकते हैं
  • इस मुश्किल वक्त को थोड़ी आसानी से निकाल सकते हैं

और याद रखिएअगर किसी पोस्ट को लेकर मन में ज़रा भी शक हो, तो उसे शेयर करने से पहले अपने वकील से ज़रूर बात करें।

आपका आने वाला वक्त आपको आज की इस समझदारी के लिए धन्यवाद कहेगा।

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. तलाक के वक्त सोशल मीडिया पर क्या नहीं करना चाहिए?
(What should you avoid on social media during a divorce?)

उत्तर: जब तलाक का केस चल रहा हो, तो सोशल मीडिया से थोड़ा दूर रहना बेहतर होता है। गुस्से में कुछ पोस्ट करना, पार्टी की फोटो डालना या एक्स को नीचा दिखाने वाली पोस्ट करना – ये सब बाद में कोर्ट में आपके खिलाफ जा सकता है।
स्रोत: https://www.indiatoday.in/information/story/social-media-use-during-divorce-precautions-2391210-2023-06-11

2. क्या फेसबुक या इंस्टा की पोस्ट कोर्ट में काम आती है?
(Can Facebook or Instagram posts be used in court during divorce?)

हां, सोशल मीडिया की पोस्ट, चैट्स, और स्टोरीज अब कोर्ट में सबूत की तरह मानी जाती हैं। अगर किसी पोस्ट से यह साबित होता है कि कोई पार्टनर झूठ बोल रहा है या गड़बड़ कर रहा है, तो कोर्ट उसे ध्यान में ले सकता है।
स्रोत: https://www.livemint.com/technology/tech-news/social-media-posts-as-court-evidence-11669787013212.html

3. बच्चों की कस्टडी में सोशल मीडिया का कोई रोल होता है क्या?
(Does social media affect child custody during divorce?)

हां, बिल्कुल। अगर सोशल मीडिया पर आपकी एक्टिविटी से लगे कि आप बच्चे की अच्छी देखभाल नहीं कर सकते, तो कोर्ट उस आधार पर बच्चे की कस्टडी का फैसला कर सकता है। बच्चों की सुरक्षा और भलाई कोर्ट की पहली प्राथमिकता होती है।
स्रोत: https://www.indianbarassociation.org/articles/the-impact-of-social-media-on-child-custody-cases

4. सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग्स तलाक के समय क्यों ज़रूरी होती हैं?
(Why are privacy settings important on social media during divorce?)

जब तलाक का मामला चल रहा हो, तो आपकी हर पोस्ट आपके खिलाफ जा सकती है – भले ही वो आपने जानबूझकर नहीं डाली हो। इसलिए प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत रखना और गैर-ज़रूरी लोगों को हटाना बहुत जरूरी है।
स्रोत: https://www.legalzoom.com/articles/divorce-and-social-media-what-you-need-to-know

5. तलाक के समय सोशल मीडिया को लेकर कौन-कौन सी सावधानी रखनी चाहिए?
(What precautions should you take on social media during divorce?)

हर पोस्ट करने से पहले दो बार सोचें। निजी बातें या तलाक से जुड़ी जानकारी शेयर न करें। किसी भी पोस्ट में टैग होने से बचें। अगर कोई उलझन हो, तो वकील से पूछ कर ही कुछ पोस्ट करें।
स्रोत: https://www.hindustantimes.com/lifestyle/family/using-social-media-during-divorce-here-s-how-it-can-affect-your-case-101676898315559.html

 

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