Flooded streets during June 2025 monsoon in Gujarat and Mumbai, heavy rainfall alert in Himachal Pradesh

जून 2025 मानसून अपडेट: गुजरात, मुंबई और हिमाचल में कहर बरपाती बारिश (June 2025 monsoon update: Rains wreak havoc in Gujarat, Mumbai and Himachal)

गुजरात में बारिश का प्रकोप (Rain destruction in Gujarat)

गुजरात में हाल की मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। खासकर अगस्त के आखिरी हफ्ते में इतनी तेज़ बारिश हुई कि सड़कों पर पानी भर गया, घरों में पानी घुस गया और रोज़मर्रा की ज़िंदगी ठप हो गई।

मुंबई: पुरानी बाढ़ की यादें ताज़ा (Mumbai: Memories of old floods revived) 

साल 2005 की विनाशकारी बाढ़, जिसमें लगभग 1,094 लोगों की मौत हुई थी, आज भी लोगों की ज़हन में ताज़ा है। अरब सागर के तटीय इलाके में बसा मुंबई शहर एक बार फिर जलप्रलय का सामना कर रहा है। 26 जुलाई 2005 की बाढ़ के एक महीने पहले गुजरात भी पानी में डूब चुका था।

हिमाचल में तबाही – भूस्खलन और बाढ़ का कहर (Devastation in Himachal – landslides and floods wreak havoc)

14 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिनमें कम से कम 72 लोगों की जान चली गई। राज्य को करीब 1.2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और सैकड़ों सड़कें बंद करनी पड़ीं। कुछ इलाकों में तो 12 इंच से भी ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई।

जल्दी मानसून और उसके असर (Early monsoon and its effects)

इस बार मानसून समय से पहले आ गया, जिससे देश के कई हिस्सों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ गईं। इसका असर केरल, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में सबसे ज़्यादा देखने को मिला। विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्र और वातावरण में बने कम दबाव के क्षेत्रों ने मानसून को पहले खींच लिया।

मुख्य बिंदु एक नज़र में (Key points at a glance:)

  • इतिहास में सबसे जल्दी मानसून: मुंबई में मई के महीने में ही मानसून पहुंच गया, जो पिछले 107 सालों में पहली बार हुआ है।
  • भारी नुकसान: बारिश की वजह से कई जगहों पर मकान गिरे, सड़कें धंसीं, और लोगों को जान-माल का नुकसान झेलना पड़ा।
  • गुजरात में संकट: फ्लैश फ्लड, इमारतों का गिरना और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।
  • मुंबई में जलजमाव: रिकॉर्डतोड़ बारिश से सड़कें नदी बन गईं, ट्रैफिक थम गया और ट्रेनों की रफ्तार रुक गई।
  • केरल में एहतियात: प्रशासन ने एडवेंचर टूरिज़्म और खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
  • IMD का अलर्ट: मौसम विभाग ने भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की संभावना जताते हुए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए हैं।
  • प्राकृतिक अवरोधों का नाश: विशेषज्ञों का मानना है कि मैंग्रोव जैसे प्राकृतिक अवरोधों का विनाश और बाढ़ क्षेत्र में निर्माण कार्य ने हालात को बदतर किया है।
  • जलवायु परिवर्तन का असर: लगातार बदलते मानसूनी रुझान इस बात का संकेत हैं कि जलवायु परिवर्तन हकीकत बन चुका है।

गुजरात में बाढ़: 27 मौतें, राहत कार्य ज़ोरों पर (Gujarat floods: 27 dead, relief work in full swing)

अहमदाबाद: बीते तीन दिनों में तेज़ बारिश की वजह से कम से कम 27 लोगों की जान जा चुकी है। पालिताना और जेसर जैसे इलाके सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं — सिर्फ 24 घंटे में 34 इंच से ज़्यादा बारिश हुई। राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे का कहना है कि राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं और सरकार हर स्थिति से निपटने को तैयार है।

मुंबई में दो हफ्ते पहले आया मानसून (Monsoon arrived in Mumbai two weeks earlier)

इस बार मुंबई में मानसून 26 मई को ही पहुंच गया — जो अब तक की सबसे जल्दी तारीख है। IMD के मुताबिक, इससे पहले सबसे जल्दी मानसून 29 मई को 1956, 1962 और 1971 में आया था। आमतौर पर मुंबई में मानसून 11 जून को आता है।

जल्दी मानसून क्यों आया? ( Why did the monsoon come early?)

भारतीय महासागर में सक्रिय मैडेन-जूलियन ऑस्सीलेशन (MJO) नामक मौसमीय प्रणाली को इसका ज़िम्मेदार माना गया है। इसने मानसून की चाल को तेज़ कर दिया।

हिमाचल में 20 से 25 जून के बीच बारिश का तांडव (There will be havoc of rain in Himachal between 20 and 25 June)

मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है:

  • ऊना और बिलासपुर: 21 से 23 जून तक ऑरेंज अलर्ट
  • हमीरपुर, शिमला, सिरमौर: 21-22 जून तक भारी बारिश
  • कांगड़ा, मंडी, सोलन: 22-23 जून तक बहुत भारी वर्षा की संभावना

अब तक हिमाचल में सामान्य से 13% कम बारिश हुई है, और प्री-मानसून सीज़न में भी 27% की कमी देखी गई थी।

गुजरात में रेड अलर्ट और बारिश का तांडव (Red alert and havoc of rain in Gujarat)

18 जून की रात से ही गुजरात के कई इलाकों में तेज़ बारिश और बिजली की गर्जना शुरू हो गई थी। अहमदाबाद, गांधीनगर, वलसाड, सूरत, नवसारी, दमन और छोटा उदेपुर में पानी भर गया।

अहम घटनाएं (Important events:)

  • अहमदाबाद में रात 1 बजे से तीन घंटे तक बारिश हुई और शहर जलमग्न हो गया।
  • निकोल इलाके की मधुमालती हाउसिंग सोसाइटी में तीन फीट पानी भर गया।
  • नगर निगम की लापरवाही के चलते अंडरपास 10 घंटे तक बंद रहे।
  • बारिश मापने वाले उपकरण डूब गए, जिससे आधिकारिक डेटा मिलने में देर हुई।

ताज़ा वर्षा रिपोर्ट: (Latest Rainfall Report:)

  • अहमदाबाद: बुधवार शाम तक 4 मिमी औसत वर्षा, दिनभर बादल छाए रहे
  • तापमान: अधिकतम 32.9°C (सामान्य से 5°C कम), न्यूनतम 26.2°C
  • अधिक बारिश वाले इलाके:
    • अहवा: 182 मिमी
    • वघई: 131 मिमी
    • सुबीर: 118 मिमी

मुंबई ने तोड़ा 107 साल का रिकॉर्ड (Mumbai broke the record of 107 years)

कोलाबा वेधशाला ने मई में अब तक की सबसे ज़्यादा 439 मिमी बारिश दर्ज की, जो 1918 के 279.4 मिमी रिकॉर्ड से कहीं ज़्यादा है। संता क्रूज़ स्टेशन ने भी 272 मिमी दर्ज किया।

हिमाचल प्रदेश: आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण (Himachal Pradesh: The days ahead are even more challenging)

19 जून, शिमला (PTI): मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में 22 और 23 जून को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटे में संगड़ाह में 20 मिमी, पच्छाद में 7.4 मिमी, सुंदरनगर में 5.8 मिमी और धर्मशाला में 4 मिमी बारिश हुई।

तापमान विवरण(Temperature details:)

  • ऊना: 38°C
  • शिमला: 24°C
  • मनाली: 28.6°C
  • धर्मशाला: 30°C

सूरत में जून का मौसम – गर्मी और नमी का मिश्रण (Surat weather in June – a mix of heat and humidity)

  • तापमान: अधिकतम 33°C, न्यूनतम 28.3°C
  • हीट इंडेक्स: 44°C — हीट स्ट्रोक का खतरा
  • नमी: 72%
  • बारिश: जून से दिसंबर तक, जून में 41 मिमी बारिश, औसतन 16.8 दिन
  • समुद्री तापमान: 29.8°C — तैराकी के लिए अनुकूल
  • UV इंडेक्स: 7 — तेज़ धूप से बचें

निष्कर्ष (Coclusion)

जून 2025 का मानसून भारत के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत है। गुजरात में बाढ़, मुंबई में रिकॉर्डतोड़ बारिश और हिमाचल में भूस्खलन — इन सबने यह साफ कर दिया है कि अब मौसम के पैटर्न स्थिर नहीं रहे। जलवायु परिवर्तन, अंधाधुंध शहरीकरण और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।

अब वक्त है कि हम सब — सरकार, प्रशासन और आम लोग — मिलकर तैयारियां करें, ताकि आने वाले समय में ऐसे हालात से बेहतर ढंग से निपटा जा सके। जागरूकता, सतर्कता और पर्यावरण के साथ तालमेल ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

Frequently Ask Questions (FAQs)

1. गुजरात में इस बार बारिश का क्या हाल रहा? (How was the rain situation in Gujarat this time?)

गुजरात में इस बार बारिश ने वाकई कहर बरपाया। कई जगहों पर पानी इतना गिरा कि सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। खासकर पलिताना और जेसर में तो महज 24 घंटे में 34 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। अब तक 27 लोगों की मौत की खबर है और प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा हुआ है।

2. मुंबई में मानसून इतनी जल्दी कैसे आ गया? (How did the monsoon arrive so early in Mumbai?)

आमतौर पर मुंबई में मानसून जून के दूसरे हफ्ते में आता है, लेकिन इस बार तो वो मई के आखिरी हफ्ते में ही दस्‍तक दे गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पीछे एक खास मौसमी सिस्टम है जिसे MJO कहते हैं, जो बारिश के पैटर्न को तेज़ कर देता है। यही वजह है कि मुंबई में 107 साल का रिकॉर्ड टूट गया।

3. हिमाचल में बारिश की क्या स्थिति है? (What is the situation of rain in Himachal?)

हिमाचल में 20 जून से मौसम बिगड़ने लगा है। कई इलाकों में भारी बारिश के साथ-साथ भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा जैसे जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। लोगों को पहाड़ी इलाकों में सफर करने से मना किया जा रहा है।

4. क्या इस बार पूरे देश में मानसून जल्दी आया? (Did the monsoon arrive early across the country this time?)

हाँ, इस बार देश के कई हिस्सों में मानसून तय समय से पहले आ गया। मुंबई, गुजरात, केरल और हिमाचल – सब जगह जल्दी बारिश शुरू हो गई। इससे लोग जहां एक तरफ गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बाढ़ और बारिश की वजह से परेशानी भी बढ़ी है।

5. क्या इस तरह की बारिश जलवायु परिवर्तन का नतीजा है? (Is this kind of rain a result of climate change?)

बहुत से एक्सपर्ट्स का यही मानना है। मौसम का ये बार-बार बदलता मिज़ाज और इतनी तेज़ बारिश होना इसी ओर इशारा करता है कि जलवायु में कुछ बड़ा बदलाव हो रहा है। ऊपर से शहरों में पेड़ काटे जा रहे हैं, नालों पर निर्माण हो रहा है – ये सब मिलकर नुकसान को और बढ़ा देते हैं।

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